बिहार से दौड़ेगी 7 एक्सप्रेसवे, इन 18 शहरों से जुड़ जाएगा विकास की नयी रफ्तार, जानें पूरा रूट : Bihar Expressway
यदि आप भी एक बिहार के निवासी हैं और आपको ट्रैवल करने की ज्यादा शौक होती है और आप यह जानने में भी खुशी होती है कि बिहार में कौन-कौन सी हाईवे एक्सप्रेस का निर्माण होने वाली है तो आज के इस लेख में बिहार में कौन से नए हाईवे एक्सप्रेस से के निर्माण होने वाली है इसके बारे में संपूर्ण जानकारी जान पाएंगे क्योंकि बिहार को झारखंड, उत्तर प्रदेश, बंगाल से जोड़ने वाले काशी कोलकाता एक्सप्रेसवे के निर्माण पर एक बड़ी खबर आई है, क्योंकि बिहार हाईवे एक्सप्रेस के निर्माण में 1 साल पहले एजेंसी चयन के बावजूद भी वन विभाग की मंजूरी नहीं मिलने के कारण इस सड़क का निर्माण लटक गया है पिछले वर्ष से कि इस सड़क को न का दर्जा मिला था।
राज्य के 61वे न के रूप में अधिसूचित यह सड़क बिहार का पहला एक्सप्रेस वे है अधिकारियों के अनुसार वन विभाग ने पहले इस सड़क का निर्माण में 70000 पेड़ों के नष्ट होने का हवाला दिया लेकिन एनएचएआई ने जांच के दौरान सिर्फ 30000 पेड़ों की नष्ट होने की बात कही लेकिन वन विभाग अभी अपनी बातों पर टिकी हुई है।
आपको बता दे कि यदि विभाग अनुमति दे तो वह विकल्प के तौर पर एलिवेटेड का निर्माण कर सकता है वन विभाग ने यह कहा है कि इस सड़क के निर्माण के लिए लगभग 140 हैकटेयर भूमि की उपयोग हो रही है इसके समतुल्य जमीन वन विभाग को दी जाए तब बिहार के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक हुई इसमें सहमति बनी की वन विभाग को पक्का और जमुई के समतुल्य जमीन दी जाएगी ताकि उसे वह वन क्षेत्र के रूप में विकसित करसके।
बिहार सड़क के निर्माण 7 पैकेजों में होगी?
बिहार में इस सड़क के निर्माण साथ पैकेज में होना है इसमें शिक्षा का टेंडर जारी हो चुका है, छह में पांच का काम भी अवार्ड हो चुका है एजेंसी का चयन कर लिया गया है पैकेज कर में कैमूर सासाराम के बीच सुरक्षित इलाके में टनल का निर्माण होना है एनएचएआई की ओर से इसका जल्द ही टेंडर जारी किया जाएगा पैकेज एक कल 27 किलोमीटर का है इसमें से 22 किलोमीटर उत्तर प्रदेश की सीमा में है तो 5 किलोमीटर बिहार की सीमा में है बाकी की छह पैकेज पूरी तरह बिहार की सीमा में अवस्थित है। बिहार के है एक्सप्रेस में निर्माण में सोन नदी पर एक पल भी बना है या पल छह लेन का होगा।
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बिहार के एक्सप्रेस-वे बनाने में कितना खर्च पड़ेगा?
झारखंड उत्तर प्रदेश और बंगाल आना-जाना होगा बहुत ही आसान राज की महत्वपूर्ण सड़क परियोजना में से एक इस एक्सप्रेसवे के बनने से बिहार के लोगों को पूरी तरह से आराम होने वाली है उत्तर प्रदेश झारखंड और बंगाल आना-जाना बहुत ही आसान हो जाएगा छह लेन के इस एक्सप्रेसवे के बनने से बनारसी से कोलकाता की दूरी 14 घंटे के बदले मात्र 7 घंटे में पूरी की जाएगी साठी उत्तर प्रदेश झारखंड पश्चिम बंगाल के बीच बिहार के व्यापार को बढ़ावा मिलेगी। विशेष कर हल्दिया बंदरगाह तक मालूम की आवाजाही बहुत ही आसान होगी बिहार के इस एक्सप्रेसवे के निर्माण पर 35228 करोड़ रुपए खर्च होगा और यह कुल मिलाकर 18 शहरों से जुड़ जाएगा।
इन 18 शहरों से जुड़ जाएगा विकास की नयी रफ्तार?
यूपी के वाराणसी रेवासा गांव के एनएच 19 से यह सड़क शुरू होकर चंदौली होते हुए बिहार के चांद में प्रवेश करेगी चैनपुर, रामपुर, मिलावट, तिलौथू, कुटुम्बा, इमामगंज, संग्रामपुर से होते हुए झारखंड के हंटरगंज में प्रवेश करेगी चतरा, पत्थलगड़ा, सिमरिया, चुरचू, पेटरवार, कसमार, जयपुर, पुरुलिया, पुंछा, तलडंगरा, गहरबेटा, घाटल से होते हुए पश्चिम बंगाल में बग्नान के निकट एनएच 16 पर जाकर यह सड़क की समाप्ति होगी इस सड़क की कुल लंबाई लगभग 672 किलोमीटर है, उत्तर प्रदेश में यह सड़क की लंबाई लगभग 22.8 किलोमीटर जब की बिहार में इस सड़क की लंबाई 161.60 किमी, झारखंड में 202.60 किमी और वहीं पश्चिम बंगाल में लगभग 285 किलोमीटर है।